हर तीन मिनट में एक किशोरी एचआईवी से पीड़ित हो रही है

हर तीन मिनट में एक किशोरी एचआईवी से पीड़ित हो रही है

सेहतराग टीम

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में हर तीन मिनट में 15 से 19 साल की एक लड़की ऐसे संक्रमण की चपेट में आती है जिससे एड्स होता है। रिपोर्ट में चेताया गया है कि यह संकट लैंगिक समानता की वजह से बढ़ रहा है।

एम्सटर्डम में 22वें एड्स सम्मेलन में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2017 में एचआईवी पीड़ित लोगों की संख्या में 15 से 19 साल की दो तिहाई लड़कियां थीं। यूनिसेफ प्रमुख हेनरिटा फ़ोर ने इसे ‘ स्वास्थ्य का संकट’ बताया है।

उन्होने कहा कि अधिकतर देशों में महिलाओं और लड़कियों के पास जानकारी और सेवाओं का अभाव रहता है। वे असुरक्षित यौन संबंधों से इनकार नहीं कर सकती हैं। फोर ने कहा कि एचआईवी कमजोर और हाशिये पर पड़े तबके में फैल रहा है जिसके केंद्र में किशोरियां हैं।

एजेंसी ने कहा कि पिछले साल 19 साल या इससे कम उम्र की 130,000 लड़कियों की मौत एड्स से हुई थी, जबकि 430,000 लोग इसके संक्रमण से संक्रमित हुए थे यानी हर घंटे 50 लोगों को एड्स का संक्रमण हुआ था।

वर्ष 2010 से सभी अन्य आयु समूहों में एड्स संबंधित मौतों की संख्या में गिरावट आई है जबकि 15-19 साल के लड़कियों में मौतों की संख्या स्थिर है। यूनिसेफ ने कहा कि महामारी युवा लड़कियों में फैल रही है। इसकी वजह वक्त से पहले उम्र में बड़े पुरुषों से यौन संबंध बनाना, जबरन यौन संबंध, गरीबी तथा काउंसलिंग तक पहुंच और परीक्षण सेवा का अभाव है।

अभिनेत्री और कार्यकर्ता चार्लीज़ थेरॉन ने सम्मेलन में कहा कि एड्स महामारी सिर्फ यौन संबंध का मसला नहीं हैं। इसका संबंध दुनियाभर में महिलाओं और लड़कियों को दूसरी श्रेणी का दर्जा दिए जाने से है।

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